सुनो ....
एक वक्त के बाद तस्वीरों की जरूरत नहीं होती ,
मनमें बसी सूरत को आईने कीजरूरत नहीं होती ।
कुछ अलग होता है जो मन को भाने लगता है ,
बिना किसी बिंब के प्रतिबिंब बनने लगता है ।
"बस ध्यान ये रहे , समझना पड़ेगा बिना कहे।"
किसी को चाहत होती है बहुत कुछ की ,
किसीको नाम से दिल लगाना पड़ता है ।।
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