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आज से तुम्हारी यादों को अपने मन से ही मिटा देंगे

आज से तुम्हारी यादों को अपने मन से ही मिटा देंगे

कभी याद न आए तुम्हारी अपने मन को समझा देंगे।


अक्स मन के आइने के,उनको धज्जी-धज्जी किया

उन सकल टुकड़ों को पानी में, डुबो नेस्नाबूत किया।

उनकी यादों को ही हम अपना सब कुछ बना लेंगे

आज से तुम्हारी यादों को अपने मन से ही मिटा देंगे।



सच्ची मुहब्बत मिलती नसीब से कद्र करना सीखो

यह समय न लौटेगा याद रखो ,इन लम्हों को समेटो।

व्यर्थ न जाएँ इन्हें हम, अपनी जिंदगी ही बना लेंगे

आज से तुम्हारी यादों को अपने मन से ही मिटा देंगे।

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